Description:इदं न मम विश्व के सबसे बड़े स्वयंसेवी संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के द्वितीय सरसंचालक श्रीगुरुजी अलौकिक व्यक्तित्व के धनी थे। उनका अमोघ वक्तृत्व, अपार-समर्पित राष्ट्रनिष्ठा, कुशल संघटन, विलक्षण स्मरणशक्ति आदि गुण उन्हें एक युगद्रष्टा बनाते हैं। उनका कहा हुआ आज भी प्रासंगिक है। अनुभूति से, साधना से, आत्मीय भावना से उन्हें कालातीत विचार करने की शक्ति प्राप्त हुई थी। उनकी हिंदुत्व की परिभाषा सर्व-समावेशक की थी। हिंदुस्थान की भूमि पर रहनेवाला—किसी भी जाति का, धर्म का, पक्ष का हो—प्रथमत: हिंदू है: यह विचार उन्होंने दिया। इसके अंतर्गत राष्ट्र-विकास, राष्ट्र-सुरक्षा और सीमा-सुरक्षा उन्हें सर्वाधिक प्रिय थी। संस्कृति के प्रति उनकी अपार निष्ठा थी। विश्व में सबसे प्राचीन भारतीय संस्कृति के शाश्वत जीवन-मूल्य ऋषि-मुनियों के अनुभूत तथा साधना से संपन्न मानवीय विचारों पर आधारित हैं, यह संस्कृति-संवर्धन उन्हें महत्त्वपूर्ण लगता था। उनका सबकुछ राष्ट्र को समर्पित था। वे राष्ट्र को सर्वोपरि मानते थे। ऐसे राष्ट्रपुरुष श्रीगुरुजी के प्रेरणादायी जीवन की मोहक नाट्य प्रस्तुति है इदं न मम।We have made it easy for you to find a PDF Ebooks without any digging. And by having access to our ebooks online or by storing it on your computer, you have convenient answers with इदं न मम Idam Na Mam. To get started finding इदं न मम Idam Na Mam, you are right to find our website which has a comprehensive collection of manuals listed. Our library is the biggest of these that have literally hundreds of thousands of different products represented.
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