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Dastak Khayalon Ki

Ashish Agrawal 'Vajood
4.9/5 (26136 ratings)
Description:‘‘सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेट़फॉर्म पर कभी अनाम तो कभी किसी और के नाम से घूमती-फिरती आशीष की लिखी पंक्तियाँ मोबाइल फोन पर अक्सर फॉरवर्ड होती हैं। इसकी वजह सरल शब्दों का चुनाव और सीधी कही गई बात है। उम्र बेशक कम हो, लेकिन ‘वजूद’ के तौर पर इनका तजुर्बा किसी बड़े शायर जैसा लगता है।’’—रजनी शर्मा, पत्रकार, दिल्लीरोज़ सुबह से रात और रात से सुबह के दौरान तमाम तरह के खयाल हमारे दिल और दिमा़ग पर दस्तक देते हैं, तमाम तरह की घटनाओं और अनुभवों से होकर हम सभी गुज़रते हैं, कुछ अच्छा होता है, कुछ बुरा, कभी सह लिया जाता है तो कभी मन करता है कुछ बदल दें, कभी हम चुप रह जाते हैं तो कभी लगता है कहना ज़रूरी है। अब बात ये आती है कि जब कहना ज़रूरी हो तो सुनने वाला भी मिल ही जाए, यह हमेशा मुमकिन तो नहीं और बात दिल ही में रह जाए तो ऐसे में दिल पर बोझ बढ़ जाता है। एक दिन यूँ ही उँगलियों ने मोबाइल की स्क्रीन पर चहल़कदमी करते हुए ट्विटर तक पहुँचा दिया, वहाँ लोगों को अपनी बात दुनिया के सामने रखते हुए देखा तो लगा, यह जगह अपने लिए भी एक ज़रिया हो सकती है दिल को हल्का करने का। तो लिखना शुरू किया ‘वजूद’ नाम से। शुरुआत में एक-दो वाह भी मिल जातीं तो लगता कि शायद बात ठीक-ठाक तरह से सामने वाले तक पहुँच गई, व़क्त के साथ महसूस हुआ कि ये वाह तारी़फ से ज़्यादा इस बात का इशारा है कि जो बात मैं कह रहा हूँ, यह बात पढ़ने वाले के दिल की ही बात थी, जिसे सिऌ़र्फ ल़फ्ज़ों में ढालने का काम मैंने कर दिया, और इस तरह मेरे साथ ही शायद पढ़ने वालों के दिल को भी राहत मिलती रही। बात को और बेहतर ढंग से कहने की हमेशा कोशिश करता रहा, जो कि अब भी जारी है, लोगों के प्यार की बदौलत हौसला और पसंद करने वालों की तादाद दिनों-दिन बढ़ती गई, जिसका मैं हमेशा शुक्रगुज़ार रहूँगा।We have made it easy for you to find a PDF Ebooks without any digging. And by having access to our ebooks online or by storing it on your computer, you have convenient answers with Dastak Khayalon Ki. To get started finding Dastak Khayalon Ki, you are right to find our website which has a comprehensive collection of manuals listed.
Our library is the biggest of these that have literally hundreds of thousands of different products represented.
Pages
160
Format
PDF, EPUB & Kindle Edition
Publisher
Prabhat Prakashan
Release
2018
ISBN

Dastak Khayalon Ki

Ashish Agrawal 'Vajood
4.4/5 (1290744 ratings)
Description: ‘‘सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेट़फॉर्म पर कभी अनाम तो कभी किसी और के नाम से घूमती-फिरती आशीष की लिखी पंक्तियाँ मोबाइल फोन पर अक्सर फॉरवर्ड होती हैं। इसकी वजह सरल शब्दों का चुनाव और सीधी कही गई बात है। उम्र बेशक कम हो, लेकिन ‘वजूद’ के तौर पर इनका तजुर्बा किसी बड़े शायर जैसा लगता है।’’—रजनी शर्मा, पत्रकार, दिल्लीरोज़ सुबह से रात और रात से सुबह के दौरान तमाम तरह के खयाल हमारे दिल और दिमा़ग पर दस्तक देते हैं, तमाम तरह की घटनाओं और अनुभवों से होकर हम सभी गुज़रते हैं, कुछ अच्छा होता है, कुछ बुरा, कभी सह लिया जाता है तो कभी मन करता है कुछ बदल दें, कभी हम चुप रह जाते हैं तो कभी लगता है कहना ज़रूरी है। अब बात ये आती है कि जब कहना ज़रूरी हो तो सुनने वाला भी मिल ही जाए, यह हमेशा मुमकिन तो नहीं और बात दिल ही में रह जाए तो ऐसे में दिल पर बोझ बढ़ जाता है। एक दिन यूँ ही उँगलियों ने मोबाइल की स्क्रीन पर चहल़कदमी करते हुए ट्विटर तक पहुँचा दिया, वहाँ लोगों को अपनी बात दुनिया के सामने रखते हुए देखा तो लगा, यह जगह अपने लिए भी एक ज़रिया हो सकती है दिल को हल्का करने का। तो लिखना शुरू किया ‘वजूद’ नाम से। शुरुआत में एक-दो वाह भी मिल जातीं तो लगता कि शायद बात ठीक-ठाक तरह से सामने वाले तक पहुँच गई, व़क्त के साथ महसूस हुआ कि ये वाह तारी़फ से ज़्यादा इस बात का इशारा है कि जो बात मैं कह रहा हूँ, यह बात पढ़ने वाले के दिल की ही बात थी, जिसे सिऌ़र्फ ल़फ्ज़ों में ढालने का काम मैंने कर दिया, और इस तरह मेरे साथ ही शायद पढ़ने वालों के दिल को भी राहत मिलती रही। बात को और बेहतर ढंग से कहने की हमेशा कोशिश करता रहा, जो कि अब भी जारी है, लोगों के प्यार की बदौलत हौसला और पसंद करने वालों की तादाद दिनों-दिन बढ़ती गई, जिसका मैं हमेशा शुक्रगुज़ार रहूँगा।We have made it easy for you to find a PDF Ebooks without any digging. And by having access to our ebooks online or by storing it on your computer, you have convenient answers with Dastak Khayalon Ki. To get started finding Dastak Khayalon Ki, you are right to find our website which has a comprehensive collection of manuals listed.
Our library is the biggest of these that have literally hundreds of thousands of different products represented.
Pages
160
Format
PDF, EPUB & Kindle Edition
Publisher
Prabhat Prakashan
Release
2018
ISBN
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